पारिस्थितिक पिरामिड की परिभाषा क्या है तथा प्रकार

हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस लेख में पारिस्थितिक पिरामिड की परिभाषा क्या है तथा प्रकार के बारे में पढ़ेंगे |

प्रथम पोषण स्तर ( उत्पादक) को आधार मानकर उत्तरोत्तर पोषण स्तनों को चित्र द्वारा निरूपित किया जाए तो एक स्तूप आकार (pyramid) या पिरामिड मानचित्र प्रदर्शित होता है जिसे पारिस्थितिकी पिरामिड कहते हैं |

पारिस्थितिकी पिरामिड तीन प्रकार के होते हैं

  1. जीव संख्या का पिरामिड
  2. जैव मात्रा( भार) पिरामिड
  3. ऊर्जा का पिरामिड

[1] जीव संख्या का पिरामिड (Pyramid of organisms):उत्तरोत्तर पोषण स्तर के जीवों की संख्या के अनुपात को प्रदर्शित करने वाला पिरामिड जीव संख्या का पिरामिड कहलाता है ऐसे पिरामिड के आधार पर उत्पादकों की संख्या सबसे अधिक और प्रथम द्वितीयक व तृतीयक उपभोक्ताओं की संख्या क्रमशः कम हो जाती है और पिरामिड उध्र्ववर्ती बनता है|

उदाहरण –  घास के मैदान ,  खेत , एवं तालाब के जीव संख्या के पिरामिड |

[2] जैव मात्रा अथवा जैव भार का पिरामिड (Pyramid of biodiversity or bio mass): एक खाद्य श्रंखला के उत्तरोत्तर पोषण स्तर मैं जीवो के संपूर्ण जैव भार के अनुपात को प्रदर्शित करने वाले पिरामिड को जैव मात्रा या जैव भार का पिरामिड कहते हैं एक स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के  जैव भार के पिरामिड  सदैव सीधे व उध्र्ववर्ती बनते हैं क्योंकि उत्पादकों का जैव भार सबसे अधिक होता है |

जलीय पारिस्थितिकी तंत्र जैसे तालाब जैसे समुद्र में जैव भार का पिरामिड (उध्र्ववर्ती)  उल्टा बनता है क्योंकि सर्वोच्च श्रेणी के उपभोक्ताओं का जैव भार सबसे अधिक होता है |

[3] ऊर्जा का पिरामिड (Pyramid of energy) :

पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का पिरामिड हमेशा सीधा ही बनता है क्योंकि उत्पादकों से प्रत्येक उपभोक्ता स्तर पर कुछ मात्रा धीरे-धीरे कम होती जाती है.

Remark:

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