प्रौद्योगिकी एवं समाज में भौतिकी का योगदान

प्रौद्योगिकी एवं समाज में भौतिकी का योगदान :-

भौतिक विज्ञान , विज्ञान की सभी शाखाओं में से एक महत्वपूर्ण शाखा मानी जाती है क्योंकि भौतिकी ने मानव का जीवन बहुत अधिक सुविधाजनक बना दिया है।  हमारे पूर्वजों की तुलना में हमने प्रोद्योगिकी में बहुत अधिक विकास किया है जिससे हमारा जीवन अधिक सुविधाजनक बन गया है जैसे एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए वाहन की व्यवस्था , सूचना आदान प्रदान के लिए इन्टरनेट , विश्व के किसी भी कोने की सूचना के लिए टीवी आदि।  इस प्रकार की सुविधाओं से आज मानव समाज हमारे पूर्वजों की तुलना में अधिक सुविधा के साथ अपना जीवन यापन करता है।  और ये सभी सुविधाएँ भौतिक विज्ञान की देन है अत: हम कह सकते है की समाज में भौतिक विज्ञान का बहुत अधिक योगदान है।

विभिन्न प्रकार के नए नए आविष्कारों से नई नई प्रोद्योगिकी का निजात होता है , विज्ञान में किसी भी नए आविष्कार को समाज तथा मानव के जीवन में उपयोग लाने का कार्य भौतिकी करती है , भौतिकी का कार्य यह होता है की किसी भी नई खोज को मानव जीवन के दैनिक कार्य में कैसे उपयोग में लाया जाए जिससे हमारा जीवन और अधिक सुविधाजनक हो सके , इसके लिए भौतिक विज्ञान नए तकनिकी के माध्यम से उस आविष्कार को मार्केट में लाता है और हम उनका उपयोग कर हमारा जीवन और अधिक सुविधा के साथ बिता सकते है।

नई नई तकनिकी (प्रोद्योगिकी) के जरिये मानव समाज अपना समय , धन और मेहनत दोनों बचाता है , किसी भी तकनिकी में सुधार और नई तकनिकी निजात करने के लिए सबसे पहले मानव समाज की जरूरतों को समझना पड़ता है।

भौतिकी पर आधारित तकनिकी के कुछ उदाहरण निम्न प्रकार दिए जाते है :–

  • जब एक तरफ ऊष्मागतिकी का अध्ययन किया गया तो दूसरी तरफ मानव समाज में प्रचलन में चल रहे इंजन में सुधार की आवश्यकता थी तो उष्मागतिकी का प्रयोग कर नए डीजल , पेट्रोल तथा भाप इंजन का आविष्कार हुआ।
  • अर्धचालक के अधिक प्रचलन से इलेक्ट्रॉनिक्स चीजो का आकार काफी छोटा हो गया है और चीजे बहुत सस्ती हो गयी , कंप्यूटर ने लैपटॉप व मोबाइल का आकार धारण कर लिया है तथा टीवी ने LED का आकार ले लिया है जिससे विद्युत का भी काफी बचाव हुआ है।
  • बरनूली सिद्धांत के बाद जब इसे दैनिक जीवन में लाने का प्रयास किया तो मानव का आसमान में उड़ने का सपना पूर्ण हो पाया अर्थात बरनूली सिद्धांत के आधार पर ही वायुयान हवा में उड़ पाते है।
  • चुम्बकीय तरंगो के द्वारा सूचनाओं का स्थानान्तरण किया जा सकता है , जब इस बात की खोज हुई उसके बाद टीवी का , रेडियो , फैक्स आदि का आविष्कार हुआ। इन सभी उपकरणों में चुम्बकीय तरंगो द्वारा सूचनाओं का संचरण किया जाता है।
  • विज्ञान में परमाणु विखंडन के आविष्कार के बाद इससे विभिन्न प्रकार के बम्ब बनाए गए जैसे परमाणु बम आदि।

भौतिक विज्ञान तथा समाज में संबंध :-

जब विज्ञान में नई खोज होती है तो इसे मानव समाज के दैनिक जीवन में लाने का कार्य भौतिक विज्ञान करती है जैसे जब विज्ञान में कोई नया नियम या अवधारणा आता है तो उस नियम का प्रयोग कर भौतिक विज्ञान में विभिन्न उपकरण बनाए जाते है जिससे समाज उनका उपयोग करता है और अपना समय , पैसा और मेहनत बचाता है।

जैसे पहले सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए कागज पर लिखकर भेजा जाता है लेकिन जब विज्ञान में इस बात की खोज हुई की सूचनाओं का संचरण चुम्बकीय तरंगो के माध्यम से हो सकता है तो भौतिक विज्ञान ने इसका प्रयोग कर टीवी , रेडियो , फैक्स आदि को बनाया जिससे मानव समाज सूचनाओं का स्थानान्तरण आसानी से कर सकता है।  अब पुराने समय की तुलना में हम हमारा बहुत अधिक समय बचाते है और मेहनत भी। अत: हम कह सकते है की भौतिक विज्ञान से मानव समाज में बहुत अधिक सुविधाएँ हो गयी है।

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