Atishyokti Alankar in Hindi

Atishyokti Alankar in Hindi – अतिश्योक्ति अलंकार किसे कहते  है?

हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में अतिश्योक्ति अलंकार किसे कहते  है? (Atishyokti Alankar) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |

Atishyokti Alankar in Hindi

यह दो शब्दों से मिलकर बना होता है जैसे अतिशय+उक्ति = अतिश्योक्ति, अतिशय का अर्थ होता है बहुत अधिक और ज्यादा और उक्ति का अर्थ होता है कथन (अधिक कथन).

अतिश्योक्ति अलंकार किसे कहते  है?

अतिश्योक्ति अलंकार का प्रयोग वाक्य में उस समय करते है जब हमें किसी वस्तु, विषय, व्यक्ति आदि की विशेषताओ का वर्णन करते है, मुख्यतः किसी की विशेषता को ध्यान में रखकर बताया जाता उस समय अतिश्योक्ति अलंकार का प्रयोग किया जाता है.

जहा किसी वस्तू, व्यक्ति, स्थान आदि की विशेषताओ का वर्णन बड़ा चड़ा कर किया जाता है वहाँ अतिश्योक्ति अलंकार होता है, इसे दुसरे शब्दों में ऐसा भी कह सकते है की,

जहाँ किसी वाक्य में लोक सीमा का उलंघन करके कोई बात की जाती है तो वहां अतिश्योक्ति अलंकार होता है जो उस बात को असंभव को भी संभव बनाने की कौशिश करता है।

कुछ अन्य उदाहरण :

(a) बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।

(b) हनुमान की पूँछ में, लग न पायी आग।

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लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।

(c) देख लो साकेत नगरी है यही।

स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।

(d) मैं बरजी कैबार तू, इतकत लेति करौंट।

पंखुरी लगे गुलाब की, परि है गात खरौंट।।

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