युग्मक जनन क्या है | परिभाषा | युग्मकों के प्रकार | लैंगिक जनन की घटनाएं

लैंगिक जनन की घटनाएं(Sexual incidence events):- लैगिक जनन के दौरान होने वाली घटनाओं को तीन भागों में बाँटा गया है।

1.     निर्वचन पूर्ण घटनाऐं:-

(a)    युग्मक जनन

(b)    युग्मकों का स्थानान्तरण/परिवहन

 युग्मक जनन:– युग्मकों के बनने की क्रिया युग्मक जनन कहलाती है युग्मको के निर्माण के दौरान अर्द्धसूत्री विभाजन होता है तथा अगुणित युग्मक बनते है।

युग्मकीट भिद पीढ़ी में बिना अर्द्धसूची विभाजन के युग्मकों का निर्माण होता है। जो अधुणित होता है। युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या आती होती है। जैसे मनुष्य में 2दत्र 46 युग्मक द त्र 23

फल मक्खी     :-      8     मक्का  :-      20

घरेलू मक्खी     :-      12    धान    :-      24

बिल्ली         :-      38    कुत्ता    :-      78

चुहा           :-      42    सेव    :-      34

प्याज          :-      38    आलू   :-      48

तितली         :-      380

AIPMT  :-

पादपो में                                                                    जन्तुओं में

सबसे कम -हैप्लोटैप्ल्स:-04                          सबसे कम:- ऐस्केरिस मेलानियंता-28

सबसे अधिकः- ओफियोग्लोसम-1260        सबसे अधिक:- रेडियोलेरिया (ओलोकेसा)- 1500

अन्य:-

गेहूं     :-      42    चिंपेजी         :-      48

मटर   :-      14    अकीषा         :-      500-600

मेढक   :-      24    रेशम कीट             :-      56

खरगोश :-      44

युग्मकों के प्रकार(Types of gametes):-

युग्मक  दो प्रकार के होते है।

1.समयुग्मक(Homozygous):- जब नव औव मादा युग्मक आकारिकी रूप से पूर्णतया समान होते है तो इन्हें समयुग्मक कहते है इनमें नर युग्मक एवं मादा युग्मक के आधार पर कोई अन्तर नहीं होता है।

उदाहरण:- शैवाल जैसे:- क्लेमइडोमोनास

2.  विषमयुग्मक(Heterozygote):– जब नर एवं मादा युग्मक असमान होते है तो इन्हे विषमयुग्मक कहते है। नर युग्मक आकार में छोटा तथा मादा युग्मक आकार में बे होते है नर युग्मक को पुमंशु या शुक्राणु तथा मादा युग्मक को अण्डाणु या अण्डा कहते है।

 युग्मकों का स्थानान्तरण/परिवहन:-

नर तथा मादा युग्मकों का कायिक रूप से एक दूसरे के नजदीक पहुंचने की क्रिया की युग्मक का स्थानान्तरण कहते है।

प्रायः नर युग्मक गतिशील होना है तथा मादा युग्मक अचल होता है। कुछ शैवालों में नर तथा मादा दोनो युग्मक गतिशील होते है। निवेचन क्रिया हेतु युग्मकों के स्थानान्तरण हेतु जलीय माध्यम की आवश्यकता होती है अधिकाँश पादपों जैसे:-बायोफाइडा, टेरिडोफाइटा आदि में नर युग्मक जलीय माध्यम में गति करके मादा युग्मक तक पहुुंचता है। उच्च पादपों में पराग की क्रिया पाई जाती है जिनके द्वारा नर युग्मक (परागकण) मादा युग्मक तक पहुंचता है।

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