फैराडे के परिनालिका वाले प्रयोग को हम विस्तार से पढ़ चुके है जिसमे उन्होंने धारावाही परिनालिका में विद्युत धारा प्रवाहित करके एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया और पाया की कुछ पदार्थ इस क्षेत्र से आकर्षित होते है , कुछ प्रतिकर्षित तथा कुछ पदार्थों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता
इस प्रयोग के आधार पर फैराडे ने पदार्थों को तीन भागों में वर्गीकृत किया
1. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ
2. लोह चुंबकीय पदार्थ
3. अनु चुम्बकीय पदार्थ
यहाँ हम इन तीनों की परिभाषा पढ़ते है , आगे इनको विस्तार से पढेंगे
Table of Contents
1. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Diamagnetic substances in hindi):
वे पदार्थ जो अधिक चुम्बकीय क्षेत्र से कम चुंबकीय क्षेत्र की ओर गति करते है तथा इनकी उपस्थिति से चुम्बकीय क्षेत्र का मान कम हो जाता है
2. अनु चुम्बकीय पदार्थ (Paramagnetic substance in hindi ):
वे पदार्थ जो कम चुम्बकीय क्षेत्र से अधिक चुम्बकीय क्षेत्र की ओर थोड़े से गति करते है , इनकी उपस्थिति से चुंबकीय क्षेत्र का मान कुछ बढ़ जाता है
3. लोह चुंबकीय पदार्थ (Ferromagnetic substances in hindi ):
वे पदार्थ जो कम चुंबकीय क्षेत्र से अधिक चुंबकीय क्षेत्र की ओर शीघ्रता से गति करते है , इनकी उपस्थिति से चुंबकीय क्षेत्र का मान काफी अधिक बढ़ जाता है
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